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एक कहानी मां के लिए

 एक दिन एक माँ और उसकी छोटी-छोटी बत्तखें झील पर जा रही थीं।  डकलिंग अपनी मां और रास्ते से भागते हुए बहुत खुश थे।  अचानक मां ने देखा कि एक बतख ने दूर से एक लोमड़ी को देखा है।  वह डर गई और चिल्लाने लगी, “बच्चे, झील में जल्दी करो।  एक लोमड़ी है! "

 डकलिंग झील की ओर बढ़ गई।  माँ चकित रह गयी कि क्या करना है।  वह एक पंख को जमीन पर घसीटते हुए आगे-पीछे चलने लगी।  जब लोमड़ी ने उसे देखा तो वह खुश हो गई।  उन्होंने खुद से कहा, "ऐसा लगता है कि वह आहत हैं और उड़ नहीं सकते हैं!"  मैं आसानी से उसे पकड़ सकता हूं और खा सकता हूं! "  फिर वह उसकी ओर भागा।


 माँ ने बत्तख को भगाया, जिससे लोमड़ी झील से दूर चली गई।  लोमड़ी ने उसका पीछा किया।  अब वह अपनी डकलिंग को नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा।  माँ बतख ने अपने बत्तखों की ओर देखा और देखा कि वे झील पर पहुँच गए हैं।  वह निश्चिंत थी, इसलिए वह रुक गई और एक गहरी सांस ली।  लोमड़ी ने सोचा कि वह थक गई है और वह करीब आ गई, लेकिन माँ ने जल्दी से अपने पंख फैलाए और हवा में उठ गई


 ।  वह झील के बीच में उतरा और उसकी बत्तखें उसके पास तैर गईं।  लोमड़ी ने मां को डक और उसकी बत्तखों को देखकर अविश्वास में घूर दिया।  वह उन तक नहीं पहुंच सका क्योंकि वे झील के बीच में थे।


 प्यारे बच्चों, कुछ पक्षी अपने एक पंख को जमीन पर तब खींचते हैं जब कोई दुश्मन हमला करने वाला होता है।  इस तरह वे अपने दुश्मनों को यह सोचकर बेवकूफ बनाते हैं कि वे आहत हैं।  जब दुश्मन उनका पीछा करता है तो यह उनके बच्चों को भागने का समय देता है।
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